विश्व एड्स डे पर डॉ एकिका सिंह जनमानस से साझा किए अपने विचार
मुरली मनोहर पांडेय
मऊ। वैश्विक स्तर पर एड्स महामारी का रुप ले चुका है। अभी तक इस रोग की कोई वैक्सिन का निर्माण नहीं हुआ है। इस रोग को लेकर समाज में भी व्यापक भ्रांति फैली हुई है। एड्स रोगियों के साथ समाज में दोयम व्यवहार किया जाता है। इससे पीड़ित रोगी के साथ बैठने, उसे छूने, उसके साथ खाना खाने आदि से एड्स नहीं होता है। सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के ही अन्य तरह से होने वाले एड्स के प्रति जानकारी और जागरुकता ही सबसे बड़ा उपचार है। प्रसिद्व चिकित्सक डॉ एकिका सिंह ने रविवार को यह उदगार व्यक्त किया।
डॉ सिंह ने बताया कि अनियोजित यौन संबंध से एड्स होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही संक्रमित रक्त सहित अन्य कई कारणों से इस रोग के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। जानकारी और सुरक्षा ही बचाव के मूलमंत्र को ध्यान में रखते हुए लोगों अधिकाधिक लोगों को इस बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।