रिपोर्ट : प्रिंस प्रजापति
मऊ। उ०प्र० में विद्युत विभाग के निजीकरण के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस ने पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को 05 हिस्सों में बांटने और पीपीपी माडल के तहत निजी कम्पनियों को 51 प्रतिशत मालिकाना हक देने के निर्णय को सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया है। राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष / प्रवक्ता संयोजक उ० भारत के नेतृत्व में आज दिनांक 05.12.2024 को महामहिम राज्यपाल महोदया को उपजिलाधिकारी बेल्थरारोड के माध्यम से ज्ञापन सौपकर कर इस फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की है। श्री पाण्डेय ने कहा कि यह निर्णय गरीब, पिछड़े और अनुसंचित जाति-जनजाति वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग के आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा को समाप्त करने वाला है, उन्होने कहा कि बिजली जैसी बुनियादी जरूरत को निजी हाथों में सौपना जनता के साथ धोखा है। यह पौसला न सिर्फ कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर करेगा।
कार्यरत कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा खत्म हो जायेग, विद्युत आपूर्ति आज हर नागरिक की आवश्यक जरूरत है विद्युत विभाग और निगमों को किसी भी दशा में निजी हाथों में देना प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी के साथ अन्याय है, सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के साथ धोखा है, विद्युत विभाग तथा निगमों की निजीकरण का राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस कड़ा प्रतिरोध करता है। कार्यक्रम में राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष धनंजय मिश्रा ने कहा कि यह कदम केवल मुनाफा उठाने के लिए उठाया गया है जिससे प्रदेश के बहुसंख्यक नागरिकों को नुकसान होगा। यह निर्णय केवन उच्च वर्गों और निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो प्रदेश भर में उग्र आन्दोलन किया जायेगा। कार्यक्रम में राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुवीर यादय, प्रदेश सचिव अनमोल आनन्द, सतीशचन्द यादव, राजेश शर्मा सानुल्लाह उफ सब्बू भाई मौजूद प्रिंस प्रजापति आदि मौजूद रहे।