प्रदेश के 19 जिलों में तैनात हैं ये कर्मचारी, मचा हड़कंप
मुरली मनोहर पांडेय
लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा लखनऊ सहित 19 जनपद के जिन नियमित कर्मचारियों ने फेशियल अटेंडेंस का पंजीकरण 30 अप्रैल तक नहीं किया था, उनका वेतन रोक दिया गया है। ऐसे इंजीनियरों और कर्मचारियों की संख्या करीब 1800 है। इन लोगों को अप्रैल का वेतन नहीं मिलेगा। इस मामले में निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने एक मई को आदेश जारी किया था। हालांकि पंजीकरण न कराने वाले नियमित व संविदाकर्मियों की कुल संख्या लगभग दस हजार है।
वहीं दूसरी ओर जिम्मेदारों द्वारा काफी नियमित इंजीनियरों एवं कर्मियों के खातों में वेतन ट्रांसफर कर दिया गया। यह वेतन खाते से कर्मचारी न निकाल पाएं, इसके लिए कार्यवाही चल रही है। इसके साथ ही पंजीकरण न करने वाले नियमित कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी की जा सकती है। आधिकारिक जानकारी में एक अफसर ने बताया कि अभी विभाग के नियमित 1800 इंजीनियरों एवं कर्मियों का वेतन रोका गया है। जबकि संविदाकर्मियों का अप्रैल का वेतन रोका नहीं गया है। जो संविदाकर्मी मई में पंजीकरण नहीं करेगा उसे जून में वेतन नहीं मिलेगा।
मध्यांचल निगम के तहत लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत जनपदों के कार्यालयों एवं उपकेंद्रों पर कुल 7779 नियमित इंजीनियर एवं कर्मचारी कार्यरत हैं।
फेशियल अटेंडेंस का पंजीकरण न करने वालों में नियमित कर्मियों में जूनियर इंजीनियर एवं उपकेंद्र के तकनीकी कर्मचारी ज्यादा हैं। एमडी द्वारा ऐसे कर्मियों की सूची जारी की गई है, जिसमें लखनऊ के जूनियर इंजीनियर सबसे अधिक हैं। ऐसे जूनियर इंजीनियरों ने सवाल पर जवाब दिया कि उनके संगठन ने फेशियल अटेंडेंस पंजीकरण का विरोध किया, इसलिए आदेश नहीं मान रहे हैं।
गोमतीनगर सर्किल अफसर आशीष सिन्हा ने बताया कि संविदा एजेंसी की लापरवाही के कारण कुछ उपकेंद्रों पर कर्मियों का पंजीकरण नहीं हो पाया, गोमतीनगर जोन में भी इसी कारण से संविदाकर्मियों का पंजीकरण नहीं हो पाया।