मुरली मनोहर पांडेय
मऊ। आज जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र द्वारा माह अप्रैल 2025 में पंजीकृत सबसे बड़ी मालियत के 05 विलेखों में से 02 विलेखों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसमें विक्रय विलेख संख्या 2699 वर्ष 2025 मौजा भीटी तहसील सदर जिला मऊ में स्थित मकान नंबर 343/2 रकबा 124 वर्ग मीटर विक्रेता श्रीमती मीना सिंह पत्नी अनिल सिंह व क्रेता श्रीमती सरिता वर्मा पत्नी विष्णु वर्मा है। विक्रय अभिलेख संख्या 2430 वर्ष 2025 ख्वाजाजहांपुर तहसील सदर जिला मऊ में स्थित आ.न. 182 रकबा 226.8 वर्गमीटर विक्रेता अलेक्षेन्द्र विक्रम सिंह पुत्र कृष्ण देव नारायण सिंह व क्रेता श्री धीरेंद्र कुमार राय पुत्र हरिद्वार राय हैं। निरीक्षण के दौरान उपरोक्त अभिलेख द्वारा अंतरित भूमि में प्रलेखानुसार मूल्यांकन सही पाया गया तथा प्रथम दृष्टया कोई स्टांप शुल्क की कमी नहीं पाई गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि अब अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व, सहायक आयुक्त स्टांप एवं उप जिलाधिकारी आदि द्वारा विकृत संपत्तियों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा तथा स्टांप कमी के प्रकरणों में भारी जुर्माना लगाते हुए प्रभावी कार्रवाई भी की जाएगी। ज्ञातव्य है कि मार्च माह में पंजीकृत सबसे बड़ी मालियत के विलेखों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिला अधिकारी ने स्टांप शुल्क में कमी को पकड़ा था। इसके अलावा जिलाधिकारी के ही निर्देश पर अपर जिलाधिकारी श्री सत्यप्रिय सिंह द्वारा भी विलेखों के स्थल निरीक्षण के दौरान स्टांप चोरी का मामला पकड़ा गया था। इस संबंध में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक तहसील स्तर की पांच बड़ी पंजीकृत विलेखों का स्थलीय निरीक्षण अवश्य किया जाए जिससे स्टांप चोरी के प्रकरण पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। इसका असर भी अप्रैल माह में पंजीकृत पांच बड़ी मालियत के विलेखों में से दो विलेखों के स्थलीय निरीक्षण के दौरान देखने को मिला जहां पर स्टांप शुल्क में कमी का मामला नहीं आया।