रिपोर्ट : रामदुलारी पटेल
बाराबंकी 3 तारीख शनिवार कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत जनपद बाराबंकी में खरीफ, 2025 में उर्द, धान, संकर ज्वार एवं तिल आदि के प्रदर्शन आयोजित कराये जाने हैं, जिनमें कृषकों को कृषि निवेश के अन्तर्गत निःशुल्क बीज के साथ ही योजनावार प्रदर्शन कैफेटेरिया के अनुसार अन्य निवेशों पर भी डी0बी0टी0 के माध्यम से अनुदान दिया जाना है।
आई0सी0डी0पी0 चावल योजना में धान की सीधी बुवाई प्रदर्शन में किसान भाइयों को 40 किग्रा0 ढैंचा/सनई बीज एवं 40 किग्रा0 धान बीज प्रति हे0 की दर से निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा एवं डी0एस0आर0 विधि से बुवाई हेतु किसान भाइयों को 25 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से धान बीज निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा, जबकि ढैंचा/सनई बीज की व्यवस्था किसान भाई स्वयं करेंगे। किन्तु इस विधि में किसान भाइयों को रू0 2472/- प्रति हे0 की दर से सीडड्रिल/ सुपर सीडर से बुवाई हेतु प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान किया जायेगा। इसके साथ ही जिंक सल्फेट/माइक्रोन्यूट्रिएण्ट/ कृषि रक्षा रसायन आदि हेतु भी प्रदर्शन हेतु संस्तुत कुल धनराशि से शेष धनराशि की सीमा अंतर्गत अनुदान देय होगा। योजनान्तर्गत प्रदर्शन हेतु संस्तुत अनुदान की कुल धनराशि रू0 8200/- प्रति हे0 निर्धारित है।
इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन योजनान्तर्गत उर्द क्लस्टर प्रदर्शन एवं धान+मसूर फसल पद्धति प्रदर्शन के आयोजन में भी प्रति हे0 निःशुल्क बीज के साथ रू0 8200/- प्रति हे0 की सीमा अंतर्गत अन्य निवेश एवं प्रोत्साहन धनराशि देय है। फसल पद्धति प्रदर्शनों के अन्तर्गत खरीफ में धान की बुवाई के बाद रबी में उसी खेत में मसूर प्रदर्शन आयोजित किया जाना अनिवार्य है। तिल के प्रदर्शन में रू0 3000/- प्रति हे0 की सीमा अंतर्गत बीज, अन्य निवेश एवं प्रोत्साहन धनराशि देय है। आत्मा योजना के अन्तर्गत धान के 0.4 हे0 के सामान्य तकनीकी प्रदर्शन में रू0 4000/- प्रति प्रदर्शन जबकि 01 हे0 के फार्म स्कूल प्रदर्शन के अन्तर्गत रू0 7500/- प्रति प्रदर्शन कृषि निवेश अनुदान अनुमन्य है।
तिल का प्रदर्शन मात्र सिद्धौर विकास खण्ड में आयोजित किया जाना है, जबकि धान, उर्द एवं संकर ज्वार के प्रदर्शन हेतु विकास खण्ड की बाध्यता नहीं है। एक कृषक को योजना की शर्तों के अधीन अधिकतम 02 हे0 एवं न्यूनतम 0.4 हे0 क्षेत्रफल में प्रदर्शन आयोजन कराना होगा एवं समय-समय पर कृषि विभाग के क्षेत्रीय कार्मिकों की तकनीकी सलाह एवं मृदा परीक्षण रिपोर्ट के अनुरूप संतुलित मात्रा में उर्वरकों/ नैनो उर्वरकों/ जैविक उर्वरकों का प्रयोग करना होगा एवं क्षेत्रीय कृषकों एवं अन्य अधिकारियों के भ्रमण के समय प्रदर्शनों को दिखाना होगा। प्रदर्शन के अन्तर्गत समस्त बीजों की लाइन सोइंग कराना अनिवार्य है। क्लस्टर/ फसल पद्धति प्रदर्शन के अन्तर्गत एक गावं में कम से कम 10 हे0 क्षेत्रफल आच्छादित होना अनिवार्य है।
प्रदर्शन के आयोजन हेतु ऐसे कृषकों को प्राथमिकता दी जायेगी, जिनका प्लाट रोड के निकट हो एवं जहां कृषकों का आवागमन नियमित रूप से बना रहता हो। प्रत्येक प्रदर्शन प्लाट पर प्रदर्शन बोर्ड भी अनिवार्य रूप से लगाया जायेगा।
प्रदर्शन आयोजन हेतु इच्छुक किसान भाई उप कृषि निदेशक, बाराबंकी कार्यालय में विलम्बतम 15 मई, 2025 तक अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। एक कृषक का चयन एक प्रकार के प्रदर्शन हेतु ही किया जायेगा।