डीएम की सख्ती के बाद तहसीलों के राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन वादों के निस्तारण में आई तेजी
रिपोर्ट : रामदुलारी पटेल
बाराबंकी। जनपद ने अप्रैल माह में तहसीलों में राजस्व के 5 वर्ष से अधिक अवधि के पुराने लम्बित 709 वादों निस्तारण करके प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी बाराबंकी, शशांक त्रिपाठी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके मुकदमों की पेंडेंसी खत्म करने के सख्त निर्देश दिए थे। डीएम की सख्ती के बाद जिले के विभिन्न तहसीलों के राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन वादों के निस्तारण प्राथमिकता से किया गया। इस सम्बंध में जिलाधिकारी द्वारा दिनांक 06 मई को राजस्व कार्यों की समीक्षा की गयी थी, जिसमें जनपद बाराबंकी के समस्त राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन वादों में 5 वर्ष से अधिक अवधि के पुराने लम्बित वादों में 2422 के सापेक्ष राजस्व न्यायालयों में निस्तारित वादों मासिक समीक्षा में माह अप्रैल, 2025 में कुल 709 वादों का निस्तारण किया गया है। जिस कारण उ०प्र० शासन व राजस्व परिषद, उ०प्र० लखनऊ एवं अन्य उच्चाधिकारियों के निर्देशों का अनुपालन करके जनहित एवं वादकारियों में अच्छा सन्देश गया है। जो सराहनीय है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि भविष्य में इसी प्रकार वादों का निस्तारण किये जाने हेतु समस्त पीठासीन अधिकारियों से अपेक्षा की गयी।
*तहसील वार मुकदमों के निस्तारण का विवरण*
पुराने निस्तारित वादों में सर्वाधिक वादों का निस्तारण करने वाले न्यायालय जिसमें तहसीलदार न्यायिक, नवाबगंज, द्वारा 66, तहसीलदार सिरौलीगौसपुर, द्वारा 63 वाद, तहसीलदार (न्यायिक) रामनगर द्वारा 62 वाद, तहसीलदार (न्यायिक), फतेहपुर के 54 वाद, उप जलाधिकारी हैदरगढ द्वारा 45 वाद, तहसीलदार (न्यायिक) रामसनेहीघाट द्वारा 42 वाद, तहसीलदार रामसनेहीघाट द्वारा 37 वाद, उपजिलाधिकारी न्यायिक नवाबगंज, द्वारा 35 वाद, तहसीलदार फतेहपुर द्वारा 32 वाद, उप जिलाधिकारी न्यायिक फतेहपुर द्वारा 25 वादों का निस्तारण किया गया है।