मुरली मनोहर पांडेय
बिल्थरारोड (बलिया) : बिल्थरारोड क्षेत्र में इन दिनों छुट्टा पशुओं और नीलगाय के झुंडों ने किसानों की नींद उड़ा रखी है। दिन-रात खेतों में घुसकर ये आवारा पशु अंकुरित फसलों और सब्जियों को चट कर रहे हैं तथा दौड़-धूप मचाकर फसल को रौंद रहे हैं। किसान इन्हें भगाने की लाख कोशिश करते हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद ये फिर लौट आते हैं। क्षेत्र में किसानों के बीच भारी आक्रोश व्याप्त है। चैनपुर, गुलौरा, इदौली, मिलिकान, शाह कुंडल, तुर्तीपार, खैरा सहित दर्जनों गांवों के किसान इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस समय गेहूं, चना, मटर जैसी रबी फसलें अंकुरित हो रही हैं और सब्जियों की खेती भी जोरों पर है। छुट्टा पशु और नीलगाय रात में समूह बनाकर खेतों में घुस जाते हैं और सुबह तक भारी नुकसान कर देते हैं।ग्रामीणों का कहना है कि पशु समूह में विचरण करते हैं और इन्हें भगाने के लिए किसानों को रात-रात भर जागकर पहरा देना पड़ रहा है। कई बार तो नीलगाय और छुट्टा पशुओं को मारने के लिए किसान दौड़ाते हैं, लेकिन ये फिर भी नहीं मानते।न केवल खेत, बल्कि बिल्थरारोड नगर में भी छुट्टा पशुओं का झुंड सड़कों पर घूमता रहता है। बीच सड़क पर बैठ जाने और आपस में लड़ने के कारण आए दिन जाम की स्थिति बन जाती है। वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान प्रशासन से गोवंश आश्रय स्थल बनाने और छुट्टा पशुओं पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इस बार पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी और किसान सड़क पर उतरने को मजबजूर होंगे।
