रिपोर्ट: प्रिंस प्रजापति
बांसडीह क्षेत्र के मंगलपुरा, अब नया ग्रामसभा गोसाईपुर के मौजा सैदपुरा में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2005-2006 में 59.82 लाख रुपए की लागत से पेयजल टंकी का निर्माण किया गया था। इसके साथ नलकूप स्थापित कर दो ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बीते कुछ वर्षों से यह परियोजना पूरी तरह से विफल हो गई है।
पानी की आपूर्ति क्यों रुकी?
इस जलापूर्ति परियोजना का निर्माण तो हुआ, लेकिन शुरुआत में ही टंकी की टेस्टिंग के दौरान पाइपों के जोड़ टूटने लगे, जिससे पानी सड़कों और रास्तों पर बहने लगा। इस खराब स्थिति के बाद मरम्मत का कार्य रुका और जल निगम ने इसे दोबारा चालू करने की कोशिश नहीं की। इसके कारण पिछले 20 सालों से इस जलापूर्ति योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सका है।
ग्रामीणों की शिकायतें
गांव के प्रधान प्रतिनिधि बबलू यादव ने बताया कि लाखों रुपए की लागत से बनी इस पानी टंकी का बीते दो दशकों में कभी भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिला। वहीं, गांववाले भी इस टंकी के निर्माण से उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन आज तक यह परियोजना बंद पड़ी हुई है।
गोविंद नारायण ने कहा कि शुरुआत में ही जल आपूर्ति के लिए लगाए गए पाइपों में कई स्थानों पर जोड़ टूटने लगे थे, जिसके बाद उनकी मरम्मत के लिए टंकी बंद पड़ी रही। कृष्णा नंद राजभर ने बताया कि विभाग ने कई लोगों को कनेक्शन भी दिए थे, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हुई और उनका बिल भेज दिया गया। प्रदीप कुमार ने कहा, "जब हम छोटे थे तब भी यह टंकी बंद थी और अब भी बंद है।"
विभागीय उपेक्षा का शिकार गोसाईपुर की पानी टंकी
अब 20 वर्षों के बाद भी गोसाईपुर की यह पानी टंकी पूरी तरह से विभागीय उपेक्षा का शिकार बन चुकी है। नलकूप, टंकी और इसका संचालन भवन सभी नष्ट हो रहे हैं। बावजूद इसके, जल निगम और संबंधित विभागों की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों को अब यह उम्मीद है कि यदि इस परियोजना को जल्द ठीक नहीं किया गया, तो पानी की समस्या बनी रहेगी।
