रिपोर्ट : प्रिंस प्रजापति
मऊ। रामराज की तरह राज धर्म हो तो देश में रामराज की स्थापना हो सकती है। इतिहास गवाह है कि ब्राम्हण कभी जातिवादी नही रहा है। समाज की भलाई के लिए महर्षि दधिचि ने जान दे दी थी। उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज और देश के लिए आगे आने की आवश्यकता है। उक्त बातें राष्ट्रवादी युवक ब्राम्हण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर पाण्डेय नें भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जयंती के अवसर पर कैम्प कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कही। भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समाज की मजबूती और एकता पर जोर देते हुए कहा कि ब्राम्हण का कर्तव्य राष्ट्र को उन्नति के तरफ ले जाना है। राष्ट्रवादी युवा ब्राम्हण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन पाण्डेय नें कहा कि बच्चों को तामसी चीजों से दूर रखिये शक्ति को अर्जित कीजिए । टेक्नोलाजी का ज्ञान बाॅटिये। खूद मजबूत बनिये वहीं राष्ट्रवादी युवक ब्राम्हण महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट गौरव पाण्डेय नें कहा कि आज की तपस्या ज्ञान जनधन शक्ति अर्जित करना है। ब्राम्हण शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञाता रहा है। लेकिन वर्तमान में ब्राम्हण अपने कर्मों से भटक रहा है। ब्राम्हण एकजुट हों। सभी एक दूसरें का सम्मान करें और एक दूसरे के सुख दुख में साथ निभायें। ब्राम्हण समाज का हित कैसे हो इस बारे में गम्भीरता से सोचने की आवश्यकता है। व्यक्ति का कर्म ही उसकी सबसे बड़ी पूॅजी होती है। परशुराम जयंती के अवसर पर भगवान परशुराम के मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर यह संकल्प लिया गया कि ब्राम्हण समाज अपने समाज के साथ-साथ अखण्ड भारत मजबूत भारत के लिए निरन्तर प्रयासरत रहेगा। विश्व का कल्याण हो प्राणियों में सद्भावना हो सबका विकास हो के सिवन्त पर ब्राम्हण समाज चलता है। कार्यक्रम में हरिओम पाण्डेय, नीतू पाण्डेय, अभिज्ञान पाण्डेय, अविनाश पाण्डेय, आकाश पाण्डेय, गोलू पाण्डेय, राहुल पाण्डेय समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।