प्राइवेट व्यक्ति लगाकर अवैध वसूली, बिना सुनवाई पारित हो रहे आदेश, वकीलों ने उठाई तबादले की मांग
मुरली मनोहर पांडेय
घोसी। तहसील में मंगलवार को तानाशाह एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ अधिवक्ताओं का आंदोलन दूसरे दिन भी तीव्र रूप में जारी रहा। तहसील परिसर में बड़ी तादाद में इकट्ठा वकीलों ने जमकर नारेबाज़ी करते हुए एसडीएम और तहसीलदार पर तानाशाही व्यवहार और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
प्रदर्शन कर रहे वकीलों का कहना है कि तहसील प्रशासन में निजी व्यक्तियों के माध्यम से अवैध धनउगाही कराई जा रही है। बिना साक्ष्य, सबूत और बहस हुए सैकड़ों फाइल तसीलदार शैलेंद्र सिंह ने आदेश में ले लिया। जो न्याय हित में कत्तई नहीं है।
बार एसोसिएशन के महामंत्री राजेश सोनकर ने आरोप लगाया कि यहां सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का कोई असर नहीं दिख रहा है और प्रशासन बेलगाम होता जा रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है।
पूर्व शासकीय अधिवक्ता दिनेश राय ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य और बहस के, लगभग 100 में से 95 फाइलों में आदेश पारित कर दिए जा रहे हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया का मज़ाक बन रहा है।
मौजूद वकीलों ने चेतावनी दी है कि जब तक एसडीएम अभिषेक गोस्वामी और भ्रष्ट तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह का तबादला नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा और ज़रूरत पड़ी तो और उग्र रूप लेगा। अधिवक्ता संघ ने उच्च अधिकारियों से मिलकर शिकायत भी दर्ज कर दी है। अब देखना दिलचस्ब होगा कि तानाशाह एसडीएम अभिषेक गोस्वामी और तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह पर डीएम प्रवीण मिश्र क्या कार्रवाई करते हैं।
इस दौरान तहसीलबार एसोसिएशन के महामंत्री राजेश सोनकर, पूर्व महामंत्री ब्रजेश पाण्डेय, पूर्व शासकीय अधिवक्ता दिनेश राय, वरिष्ठ अधिवक्ता कालिकादत्त पाण्डेय, ब्रह्मदेव उपाध्याय, सतीश पाण्डेय, उमाशंकर उपाध्याय, बृजेश राय, नदीम अख्तर, विपुल राय, जय प्रकाश यादव, बाबूलाल, अरविंद सिंह, ऋषिकेश सिंह समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।