दीवानी कचहरी परिसर में मुख्य आरक्षी से मारपीट का मामला
मुरली मनोहर पांडेय
मऊ। 28 साल पहले दीवानी कचहरी परिसर में मुख्य आरक्षी से मारपीट के मामले में गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दो आरोपी दारोगा सिंह और प्रभुनाथ सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे, जबकि अन्य आरोपी अनुपस्थित रहे। सीजेएम कृष्णप्रताप सिंह ने सुनवाई में गैरहाजिर 8 अधिवक्ताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख मुकर्रर की है।
मामले के अनुसार, 12 अगस्त 1997 को दीवानी कचहरी परिसर स्थित लॉकअप में पुलिस लाइन से ड्यूटी पर तैनात मुख्य आरक्षी ऐनुल हक खां थे। दोपहर करीब 3:30 बजे अधिवक्ता गोपाल निषाद से उनकी कहासुनी हो गई। आरोप है कि ऐनुल हक ने लॉकअप से गाली-गलौज और धमकी दी, जिसके बाद सीजेएम कोर्ट में ले जाकर उनके साथ मारपीट की गई। इस मामले में ऐनुल हक की शिकायत पर शहर कोतवाली में प्रहलाद, दारोगा सिंह, प्रभुनाथ सिंह, अजय सिंह, संजय सिंह, गोपाल निषाद, अशोक सिंह सहित 10 अधिवक्ताओं के खिलाफ नामजद और 100-150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
गुरुवार को हुई सुनवाई में सीजेएम ने अजय सिंह सहित 8 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 मई को हाजिर होने का आदेश दिया है।