वीडियो सामने आने के बाद होने के बाद अधीक्षक समेत चार स्वास्थ्यकर्मी ट्रांसफर
रिपोर्ट : प्रिंस प्रजापति
बलिया। उत्तर प्रदेश बलिया के सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार रात मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। लक्ष्मण छपरा निवासी गर्भवती महिला सविता पटेल को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो अस्पताल में कोई डॉक्टर या स्टाफ मौजूद नहीं था। वह गेट के पास ही फर्श पर तड़पती रही और उसी हालत में बच्चे को जन्म दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर, गार्ड या नर्स तक मौजूद नहीं था। इस दौरान किसी ने वीडियो बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
घटना के बाद सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से चार स्वास्थ्यकर्मियों का तबादला कर दिया।
सीएचसी अधीक्षक व स्त्री रोग विशेषज्ञ को सीएचसी रिगवन भेजा गया है।
डॉ. व्यास कुमार को सीएचसी गड़वार, फेफना भेजा गया। स्टाफ नर्स प्रियंका सिंह को सीएचसी नरहीं और कंचन को सीएचसी जयप्रकाश नगर स्थानांतरित किया गया है। सीएमओ ने बताया कि एसीएमओ स्तर के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना से नाराज पूर्व सांसद भरत सिंह की पुत्री व भाजपा नेत्री विजयलक्ष्मी सिंह शुक्रवार शाम सीएचसी सोनबरसा पहुंचीं और धरने पर बैठ गईं। उन्होंने लापरवाह डॉक्टरों व कर्मचारियों के निलंबन और सोनबरसा सीएचसी के सभी स्टाफ का सामूहिक स्थानांतरण करने की मांग की।
बसपा के पूर्व विधायक सुभाष यादव ने घटना को मानवता के प्रति घोर लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि यह शासन-प्रशासन की विफलता है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की। वीडियो बनाने वाले मिर्जापुर निवासी युवराज सिंह ने बताया कि वह पेट दर्द के कारण दोस्त के साथ अस्पताल गया था। तभी देखा कि एक गर्भवती महिला गेट पर खड़ी है और जोर-जोर से चिल्ला रही है। कुछ ही मिनटों में उसने फर्श पर बच्चे को जन्म दे दिया। वहां कोई डॉक्टर, नर्स, गार्ड या एएनएम मौजूद नहीं था। युवराज ने कहा- "यह लापरवाही नहीं, बल्कि जिंदगी से खिलवाड़ है।"
सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन ने कहा कि सोनबरसा की घटना गंभीर है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने सभी सीएचसी और पीएचसी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस तरह की लापरवाही कहीं भी दोबारा न हो। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
